आपके भीतर एक युद्ध चल रहा है – सावधान रहें।
- Shuchi Dhra
- Jul 10
- 3 min read
Updated: Jul 11
मानव जीवन की जटिलता में, हर दिन एक अदृश्य युद्ध हमारे भीतर लड़ा जा रहा है। यह युद्ध दो प्रमुख रूपों में सामने आता है – पहला, हमारे शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है, जो हमारे खान-पान पर निर्भर करता है; दूसरा, मानसिक संघर्ष, जो हमारे विचारों और भावनाओं से उपजता है। इन आंतरिक संघर्षों को समझना हमारे शरीर और मन को संतुलित व स्वस्थ रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है।

शारीरिक युद्ध: पोषण ही अस्त्र हैं
हमारा शारीरिक संघर्ष सीधा हमारे भोजन से जुड़ा है। जो भी हम खाते हैं, वह या तो हमारी शक्ति बनता है या कमजोरी का कारण। जैसे किसी सैनिक को युद्ध जीतने के लिए अच्छे हथियारों, उच्च गुणवत्ता वाले संसाधनों और वॉर रूम से सीधे संपर्क की ज़रूरत होती है, वैसे ही हमारे तन और मन के अच्छे स्वास्थ्य के लिए विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, अगर आप अपने दोस्त या रिश्तेदार को डाक या कूरियर से कुछ भेजना चाहते हैं, तो उसे भेजने से लेकर उन तक पहुँचने तक एक पूरी श्रृंखला होती है। अगर वह श्रृंखला बीच में कहीं भी टूट जाती है, तो वह वस्तु उन तक नहीं पहुँच पाएगी। इसी तरह, भोजन ग्रहण करने के बाद उसे शरीर की कोशिकाओं तक पहुँचाने के लिए एक पूरी श्रृंखला होती है। अगर वह श्रृंखला बीच में कहीं भी टूट जाती है, तो वह पोषण आपके शरीर की कोशिकाओं तक नहीं पहुँच पाएगा।
भोजन हमारे लिए ईंधन का काम करता है। पोषक तत्वों से भरपूर आहार हमारे शरीर को मज़बूती देता है, जबकि जंक फूड हमारे भीतर ऐसे प्रवेश करता है जैसे कोई दुश्मन चुपके से किला फतह कर ले। शोध बताते हैं कि प्रोसेस्ड फूड का ज़्यादा सेवन लाभकारी आंत बैक्टीरिया की प्रभावशीलता को 70% तक घटा सकता है, जिससे हमारा शरीर बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।
ये अच्छे बैक्टीरिया हमारी इम्यूनिटी को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये भोजन पचाने, ज़रूरी पोषक तत्वों के अवशोषण और हानिकारक बैक्टीरिया से रक्षा करने में मदद करते हैं। लेकिन स्वाद और सुविधा के चलते हम अनजाने में अपनी आंतों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे गंभीर बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।
मानसिक स्वास्थ्य पर आंतों के बैक्टीरिया का प्रभाव
हाल के अध्ययनों से पता चला है कि हमारी आंतों का स्वास्थ्य हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी गहराई से प्रभावित करता है, जिसे गट-हार्ट-ब्रेन एक्सिस कहा जाता है। हमारे पाचन तंत्र के बैक्टीरिया मस्तिष्क से संवाद करते हैं और हमारी भावनात्मक स्थिति पर असर डालते हैं।
एक शोध के अनुसार, हमारे पाचन तंत्र में लगभग 100 ट्रिलियन बैक्टीरिया और 2000 से अधिक प्रजातियाँ होनी चाहिए, जिसे हम इम्यूनिटी के नाम से जानते हैं। जब अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के बीच संतुलन बिगड़ता है, तो इसका परिणाम चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक समस्याओं के रूप में सामने आता है। अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के अनुसार, 70% लोग जो पाचन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे होते हैं, वे मानसिक तनाव या अवसाद से भी पीड़ित होते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि मानसिक शांति बनाए रखने के लिए आंतों की सफाई और देखभाल कितनी आवश्यक है।
गट हेल्थ सुधारना एक समग्र प्रयास है। इसमें फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे सेब और साबुत अनाज, फर्मेंटेड प्रोडक्ट्स का सेवन और चीनी की मात्रा में कमी लाना शामिल है। जैसे किसी युद्ध की रणनीति बनाई जाती है, वैसे ही हमें अपने भोजन की रणनीति बनानी चाहिए।
मानसिक युद्ध – विचारों की लड़ाई
जब आंतों में असंतुलन होता है और अच्छे बैक्टीरिया की कमी हो जाती है, तो हमारे विचार भी विषाक्त होने लगते हैं। ऐसे नकारात्मक विचार बीमारी के बीज बन जाते हैं, जो बाद में शरीर पर विभिन्न रोगों के रूप में प्रकट होते हैं, चाहे उन रोगों को कोई भी नाम दे दीजिए – जैसे बीज ज़मीन के नीचे होता है लेकिन पौधा ऊपर दिखता है।
इस युद्ध में सतर्क रहना ज़रूरी है, क्योंकि यही हमारे जीवन की दिशा तय करता है। शरीर और मन दोनों को संवारने की इस यात्रा को अपनाएं – यह जानकर कि थोड़ी सजगता और समर्पण से आप इस संघर्ष में विजयी हो सकते हैं।
हम क्या करते हैं
हम गट-हार्ट-ब्रेन एक्सिस पर एक साथ कार्य करते हैं। यह दृष्टिकोण व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से संतुलन, स्वास्थ्य और स्पष्टता प्रदान करता है।

याद रखें – असली युद्ध बाहर नहीं, भीतर है। और इस बार जीत आपकी ही होनी चाहिए।
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